Sunday, 1 December 2024

मैं सेल्लिंग में असफलता से सफलता तक कैसे पहुचा – फ्रैंक बेट्गर

 

मैं सेल्लिंग में असफलता से सफलता तक कैसे पहुचा – 

फ्रैंक बेट्गर

खंड-1 : खंड एक पॉकेट रेमिन्देर्स

इन विचारो ने मुझे असफल लोगों के समूह से बाहर निकाला



           किस तरह एक विचार ने मेरी आमदनी और सुख को कई गुना बढ़ाया

 

उत्साह का अभिनय करने के लिए खुद को विवश कीजये और आप उत्साहित हो जायगे! “ यह महान और पवित्र संकल्प कर ले की आप अपने जीवन में उत्साह की मात्रा को दुगुना करेगे ! अगर आप इस संकल्प को अपने जीवन में उतार पाये, तो आप शायद अपनी आमदनी और सुख को दुगुना कर लें! आप किस तरह शुरुआत कर सकते है?

इसका एक ही नियम है: “उत्साहित बनने के लिये उत्साह का अभिनय करे, उत्साह का प्रदर्शन करे!”

उत्साह के अभिनय के लिए अपने आपको विवश करे और आप उत्साही बन जायेंगे.

 

2.    इस विचार से मैं सेल्लिंग को छोड़ने का बाद दुबारा लौटा

सेलिंग के वयवसाय के इन सूत्रों की तरफ चले:-

आप तब तक कमीशन नहीं कमा सकते जब तक की आप बेच न दे;

आप तब तक नहीं बेच सकते, जब तक की आर्डर न लिख ले;

आप तब तक आर्डर नहीं लिख सकते, जब तक की आप ग्राहक से मिल न ले;

और आप तब तक नहीं मिल सकते, जब तक की आप कॉल/मुलाकात कर ले.

 

3.    इसे करने के बाद मुझे अपने सबसे बड़े दुश्मन का सामना करने में मदद मिली

जो आदमी या औरत डर के कारण पीछे है, जिसमे साहस और आत्मविश्वास की कमी है, मैं उससे यही अनुरोध करता हूँ की वह अपने शहर मैं आयौजित हो रहे सबसे अच्छे पब्लिक स्पीकिंग कोर्स में शामिल हो जाये.

वाल्टर लेमर टोल्बत के एक वाक्य को याद रखे! “ सेलिंग का यह बिजनेस कुल मिलाकर एक बात पर निर्भय करता है – सिर्फ एक बात पर... लोगो से मिलना ! मुझे साधारण योग्यता का कोई भी आदमी दे दीजिये जो बाहर निकलता है और हर दिन चार या पाच लोगो से गंभीरता से अपनी बात कहता है और मै आपको वह आदमी दिखा दूंगा जिसे सफल होना ही है !”

 

अगर आप डर  को जीतना चाहते है और साहस और आत्मविश्वास को तेजी से विकसित करना चाहते है तो पब्लिक स्पीकिंग के किसी अच्छे से कोर्स में शामिल हो जाये ! किसी भी लेक्चर कोर्स में शामिल हो जाये! किसी भी लेक्चर कोर्स में नही ! उसी कोर्स में शामिल हो जहाँ आपको हर मीटिंग में बोलने का मौका मिल सके ! जब श्रोताओं के समूह के सामने बोलने का आपका डर दूर हो जोगेया तो अकेले आदमी के सामने बोलने का आपका डर अपने आप दूर हो जायेगा, चाहे वह कितना ही बड़ा या महत्वपूर्ण क्यों न हो !

 

4.    इकलौता तरीका जिससे मैं खुद को व्यवस्थित कर पाया

अपने काम को पूरा करने, और अपने सर्वश्रेष्ठ योग्यता के अनुरूप पूरा करने से हमे संतोष मिलता है ! अगर आपको खुद को व्यवस्थित करने में दिक्कत आ रही है, अगर आप सोचने के अपनी योग्यता को बढ़ाना चाहते है और कामो को उनके महत्व के कर्म से करना चाहते है तो याद रखे इसका केवल एक ही तरीका है :” सोचने के लिए अधिक समय निकाले और कामो को उनके महत्व के कर्म से करे ! खुद को व्यवस्थित  करने के दिन के रूप में सप्ताह के एक दिन या किसी निश्चित समय को अलग रख दे ! पर्याप्त समय न होने की चिंता से मुक्त होने का रहस्य ज्यादा घंटे काम करना नही है, बल्कि सही योजना बनाकर उतने ही घंटे काम करना है !

खंड -2

सेल्लिंग में सफलता का फार्मूला

५. किस तरह मैंने सेल्समैनशिप का सबसे महत्वपूर्ण रहस्य सीखा

 

यह जानिए के लोग क्या चाहते है, और फिर

उसे हासिल करने में लोगो की मदद कीजिये

 

६. सही निशाने पर तीर चलाना

 

जब आप किसी आदमी को यह दिखा देते है की वह क्या चाहता है

 तो वह इसे हासिल करने के लिए जमीन आसमान एक कर देता है!

संक्षेप में

1.       सेल्समेंशिप का सबसे महत्वपूर्ण रहस्य यह पता लगाना है कि सामने वाला क्या चाहता है और फिर उसे हासिल करने का सर्वश्रेष्ठ तरीका खोजने में उसकी मदद करना है!

2.       इस दुनिया में किसी से भी कोई काम करवाने का एक ही तरीका है! क्या अपने कभी इस बारे में सोचा है ? हाँ, केवल एक ही तरीका ! और तरीका है सामने वाले मे ऐसी इच्छा जगाना ताकि वह उस काम को करना चाहे ! याद रखे, इसके अलावा कोई दूसरा तरीका है ही नही !

3.       जब आप किसी आदमी के सामने यह स्पष्ट कर देते है कि वह क्या चाहता है तो वह इसे पाने के लिए जमीन- आसमान एक कर देगा !

 ८. उस सेल में अपनाये गए मूलभूत सिद्धान्तों का विशलेषण

1. अपॉइंटमेंट ले

2. तैयार रहे

3. सबसे मुख्य मुददा क्या है

4. कीवर्ड नोट्स

(1) यह याद रखे कि वह किन  बिंदुओं पर बोलना चाहता है,

(2) उन्हें ताकिक्र क्रम में बोले !

(3)   संक्षिप्त रहे और मुख्य बिंदु से न भटके !

५. सवाल पूछीये !

6.  डायनामाइट  का बिस्फोट कीजिये !

7. डर जगाइये !

8. विश्वास जगाइये !

(1) असिस्टेंट बायर बनिये !

(2) “ अगर आप मेरे अपने भाई होते तो भी मैं आपको वही बताता जो मैं आपको अभी बताने जा रहा हूँ....”

(3) अपने प्रतियोगियों की तारीफ कीजिये !

(4) “ मैं आज की सुबह आपके लिए कुछ ऐसा कर सकता हूँ जो कोई दूसरा आदमी नहीं कर सकता !”

9. अपने श्रोता की योग्यता की सच्ची सराहना कीजिये

10. क्लोज की कल्पना कीजिये!

11. इंटरव्यू में आप का रहना बहुत जरुरी है !

 दूसरे आदमी के नज़रिए से चीजों को देखिये और उसकी इच्छाओं, जरूरतों और आकाक्षांओं के संदर्भ में बात कीजिये !

 

 

सवाल पूछने से मेरे सेल्स इंटरव्यू किस तरह अधिक प्रभावी बने!

सवाल पूछने के तरीके से आप यह छह चीजें हासिल कर सकते है

1.       इससे आप बहस या वाद-विवाद से बच सकते हैं !

2.       इससे आप ज्यादा बोलने से बच सकते हैं !

3.       इससे आप यह जानने में सामने वाले की मदद कर सकते हैं कि वह क्या चाहता है ! इसके बाद आप उसकी इस निर्णय मैं मदद कर सकते है कि वह इसे किस तरह से हासिल करे !

4.       इससे सामने वाले का चिंतन अधिक सपष्ट होता है ! वह विचार उसका विचार बन जाता है !

5.       आपको वह सबसे कमजोर बिन्दुं हासिल होता है जिससे आप अपनी सेल क्लोज कर सकते है –सबसे महत्वपूर्ण मुददा !

6.       इससे सामने वाले को महत्व का अनुभव होता हैं ! जब आप दर्शाते हैं की आप उसके विचार का सम्मान करते हैं तो इस बात की अधिक संभावना है की वह भी आपके विचारों का सम्मान करेगा !

“ कॉलेज के शिक्षा से आप जो बहुत बड़ी चीज सिख सकते है वह है सवाल पूछने का नजरिया, प्रमाण माँगने और तोलने की आदत ..... वैज्ञानिक दृष्टिकोण !”

 

मैंने किस तरह जाना कि लोगों के खरीदने का सबसे महत्वपूर्ण कारण क्या है

संक्षेप में

मूलभूत आवश्यकता क्या है ?

या

रूचि के मुख्य बिंदु क्या है, सबसे कमजोर बिंदु क्या है ?

सेल में प्रमुख समस्या यह है :

1.      मूलभूत आवश्यकता, या

2.      रूचि के मुख्य बिंदु का पता लगाना

3.      फिर इसी पर जुटे रहना !.

 

मैंने जाना कि सेल्लिंग में सबसे महत्वपूर्ण शब्द होता है “ क्यों “

१२. मैं किस तरह छुपी हुई आपत्ति को खोजता हूँ

संक्षेप में

आदमी के पास कोई भी काम करने के आमतौर पर दो कारण होते है – पहला कारण वह जो कहने सुनने मैं अच्छा लगता है, और दूसरा असली कारण !”    

असली कारण को बाहर निकलने के लिए मुझे जो सर्वश्रेष्ठ फार्मूला मिला वह इन दो छोटे प्रश्नों के इर्द गिर्द बुना हुआ है!

“ क्यों ?” और “इसके आलावा.....?”

 

१३. जादुई सेल्लिंग की भुला दी गयी कला

संक्षेप में, खंड दो, पॉकेट रिमाइंडर

 

1.      सेल्समैनशिप का सबसे महत्वपूर्ण रहस्य है यह पता लगाना की सामने वाला क्यां चाहता है और फिर उसे हासिल करने का सर्वश्रेष्ठ तरीका खोजने में उसकी मदद करना.

2.       अगर आप बुल्स ऑय पर निशाना लगाना चाहते है तो देल कार्नेगी की इस बुद्धिमतापूर्ण सलाह को याद रखे, “इस दुनिया मैं किसी से भी कोई काम निकलवाने का एक ही तरीका है ! केवल एक ही तरीका ! और वह तरीका है की आप सामने वाले में ऐसी इच्छा जगाये ताकि वह उस काम को करना चाहे  ! याद रखे, इसके अलावा कोई दूसरा तरीका नहीं है !”     

जब आप किसी आदमी के सामने स्पष्ट कर देते है के वह क्या चाहता है तो वह इसे पाने के लिए ज़मीन- आसमान एक कर देगा !  

3.      सवाल पूछने की कला को विकसित करे ! निश्चयात्मक वाक्यों के बजाय सवालों के माध्यम से आप अधिक प्रभावी ढंग से सामान बेच सकते है ! आक्रमण करने के बजाय सवाल पूछें !

4.      मुख्य मुद्दे का, सबसे कमजोर बिन्दु का पता लगाये और फिर उसी पर डटे रहे !

5.      यह सीखे की सेल्लिंग मैं सबसे महत्वपूर्ण शब्द का प्रयोग किस तरह किये जाये, जो एक शक्तिशाली प्रशन है “ क्यों ?“ याद रखे की मिल्टन हर्षे, जो चालीस साल मैं पहले तीन बार असफल हुए थे, इस शब्द को बिज़नेस मैं इतना महत्वपूर्ण मानते थे के उन्होंने इसके लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था !

6.      छुपी हुई आपत्ति या असली कारण का पता लगाये ! याद रखे की मॉर्गन ने क्या कहाँ था “आदमी के पास कोई भी काम करने के आमतौर पर दो कारण होते है – पहला कारण वह जो कहने सुनने मैं अच्छा लगता है, और दूसरा असली कारण !” दो मैं से एक मामले मैं इस बात की संभावना है की पोई और आपति भी हो सकती है ! दो छोटे सवाल पूछिए ! “क्यों ?” और “इसके आलावा....?” एक सप्ताह तक इनका प्रयोग करके देखे ! आपतियो से निबटने मैं इसके परिणामो को देखकर आप खुद हैरान हो जायेंगे !

7.      जादुई सेल्लिंग की भूली हुई कला को याद रखे ! अच्छा श्रोता बने ! सामने वाले को यह जताए की आप उसकी बातो मैं सचमुच रुचि ले रहे है, उसकी तरफ उत्साहपूर्वक पूरा ध्यान दे, उसे सरहाना दे क्योंकि उसे प्राय ये चीजे नहीं मिलती है जबकि वह इनके लिए भूखा होता है और उसके मन मैं इन्हें पाने की लालसा होती है! सेल्लिंग मैं सफलता के फोर्मुले का यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्धांत है! हाँ यह जादुई सेल्लिंग का मंत्र है!

 

खंड तीन

दूसरो का विश्वास जितने के छह तरीके

 

१४. विश्वास ज़माने का वह सबसे बड़ा सबक जो मैंने सीखा

सबसे समझदार और सर्वश्रेष्ठ सेल्समेन वह होता है जो अपने सामान के बारे मैं पूरी ईमानदारी से सच्चाई बता देता है ! वह अपने संभावित ग्राहक की आँखों मैं देखता है और अपनी बात कहता है ! वह हमेशा प्रभाव डालता है ! और अगर वह पहले बार मैं सामान न भी बेच पाए, तो भी वह अपने पीछे विश्वास जमाकर जाता है ! चाहे आपकी बाते कितनी ही चतुराई भरी हो या कुटनीतिक हो, परन्तु अगर वह सच्ची न हो, तो आप ग्राहक को दुबारा मुर्ख नहीं बना सकते ! सबसे अच्छा बोलने वाला सेल करने मैं सफल नहीं होता – बल्कि सबसे इमानदारी से बोलने वाला सफल होता है ... उसकी आँखों, उसके शब्दों के संयोजन, उसके हावभाव मैं कुछ ऐसा होता है जिससे सामने वाले को तत्काल उस पर विश्वास या अविश्वास हो जाता है .... पूरी तरह से ईमानदार होना हमेशा सुरक्षित और सर्वश्रेष्ठ निति है !

दुसरे मैं विश्वास जगाने और उसे हासिल करने का पहला नियम है, विश्वास के काबिल बनो !

 

१५. एक महान डॉक्टर से मैंने विश्वास पैदा करने का बहुमूल्य सबक सीखा

 

वही लोग लीडर्स होते है जिन्हें अपना बिज़नस का पूरा ज्ञान होता है ! आपकी आमदनी का अनुपात उतना ही होगा जितनी के आपके मस्तिस्क मैं विशेषज्ञता की मात्रा है !

अगर आप चाहते है के आपमें आत्मविश्वास हो, आप दूसरो मैं विश्वास जमा सके और उनका विश्वास जीत सके तो मैं स नियम को अनिवार्य मानता हु की आप :

 

अपने बिज़नेस को जाने

और अपने बिज़नेस के बारे मैं ज्ञान हासिल करते रहे !

१६.  विश्वास जितने का वह सबसे तेज तरीका जो मैंने सीखा

 

मेरे लिए अपने प्रतिदंदियो की तारीफ करने का चौथाई सदी का अनुभव बिज़नेस करने का बहुत ही सुखद और लाभकारी तरीका रहा है ! हमारे सामाजिक और व्यावसायिक जीवन मैं हम जितने लोगो से मिलते है क्या हम एक दुसरे का विश्वास जितने का प्रयास नहीं करते ? मैंने पाया है कि दूसरो का विश्वास जितने के सबसे तेज तरीको मैं से एक वह नियम है जिसे विश्व के महान कुटनितिग बेंजामिन फ्रेंक्लिन ने बताया था, “ मैं कभी भी किसी के बारे मैं बुरा नहीं बोलूँगा – और मैं हर आदमी के बारे मैं, जितना भी हो सकता है, अच्छा बोलूँगा !”                  

अपने प्रतिदंदियो  की तारीफ करो !                    

 

गेट आउट होने का आसान तरीका

इसमें कोई संदेह नही है की यह बिजनेस मुझे हे मिला ! मुझे विश्वास है की यह बिजनेस मेरे प्रतिद्वंदी को ही मिलता, अगर उसने सच्चाई बताई होती ! उसने न सिर्फ वह सेल गवा दी बल्कि उसने इन लोगो के साथ भविष्य में मै बिजनेस करने का अवसर भी गवा दिया ! इसके अलावा, उसने अपना आत्मसम्मान भी खो दिया !

 

मैंने पाया की यह विश्वास हासिल करने का अचूक तरीका है

 

मुझे बताया गया था की कोर्ट के सामने किसी केस को लड़ते समय एक ट्रायल लोयर जो सबसे महत्वपूर्ण चेज करता है शायद वह है गवाह, पेश करना ! स्वाभाविक रूप से जज और जूरी यह मानकर चलते है की वकील के विचार पूर्वगृह से ग्रस्त होंगे और इस कारण वे उसकी कही कुछ बातो को पूरी तरह सच्च नही मानते ! परन्तु किसी भरोसेमंद गवाह की अच्छी गवाही का कोर्ट पर बहुत सशक्त प्रभाव पड़ता है ! इससे केस लड़ने वाले वकील की विश्वसनीयता भी जम जाती है !

 

जब मैंने यह पहली बार किया तोह मुझे डर था की ग्राहक मुझे रोक देगा, परन्तु मुझे कभी किसी ने ऐसा करने से नही रोका ! दरअसल, उन्हें मेरे गवाह से बातें करने मै मज़ा आया ! कई बार तोह यह कोई पुराना दोस्त होता है और चर्चा जल्दी ही अपने मौलिक उद्देश्य से दूर चली जाती है और दोस्ताना चर्चा में बदल जाती है !

 

मुझे यह विचार संयोगवश ही मिला था, परन्तु मैंने यह पाया है   की अपने गवाहों को पेश करना दरअसल एक उत्कृष्ट तकनीक है ! आपत्तियों को दूर करने की कुशल चत्रुई भरी तरकीबो मै मुझे ज्यादा सफलता नही मिली ! यह तरकीब किताबों मै अच्छी लगती है, परन्तु मैंने जब भी उनका प्रयोग करने की  कोशिश की है मैंने हमेशा अपने आपको बहस करते ही पाया है ! मैंने पाया है की इससे सो गुना आधिक प्रभावी तरीका यह होता है कि मै सीधे अपने गवाह से गवाही दिलवा दू और उतने ही दूर होते है जितना की फोन !

 

 मेरे गवाहों को यह कैसा लगता है ? वे हमेशा सलाह देने मै ख़ुशी का अनुभव करते है ! जब मै उनके पास उनके प्रशंसा करें के लिए जाता हु तो मुझे पता चलता है की मुझे दोहरा फायदा हुआ है क्योकि मेरे नए ग्राहक को मेरा सामान बिकवाने के प्रयास मै वे उस सामान के बारे मै आधिक उत्साही हो जाते है जो मैंने उन्हें बेचा था !

 

तो किसी भी आदमी का विश्वास तेजी से जीतने का अचूक तरीका है :

अपने गवाह पेश करे !

 

सर्वश्रेष्ट कैसे दिखें

इस तरह का विचार मेरे दिमाग मै कभी नही आया था ! अच्छी तरह से तैयार होने पर मेरे द्वारा सुनी गयी यह सबसे अच्छी सलाह थी! मुझे हमेशा इस बात की ख़ुशी रहेगी की मैंने उसकी बात सुनी !

मेरे मित्र ने मुझे जूते पहनने के बारे मै मै भी इसी नियम पर अमल करने की सलाह दी ! अगर आप हर दिन बदल-बदलकर जूते पहनते है, “जूते अच्छे रहेगे , उनका शेप सही रहेगा, और उनका जीवन लब्बा होगा “

किसी ने कहा है : कपड़ो से आदमी की पहचान नही बनती, परन्तु नब्बे प्रतिशत आदमी इन कपड़ो से ही ढका रहता है ! “जब तक आदमी इस लायक नही दिखेगा , तब तक लोगो को यह विश्वास नही होगा की उसकी बाते महत्वपूर्ण है ! और इस बारे मै कोई संदेश नही है ; जब अप अच्छी तरह से तैयार होते है तो आपका अपने बारे मै मानसिक नजरिया सुदर जाता है और इससे आपमें आधिक आत्मविश्वास आ जाता है !

तो अपने हुलिए को सुधारने पर जो सबसे प्रैक्टिकल विचार मैंने सुना है वह यह है : “ अपने आपको किसी विशेषज्ञ के हवाले कर दें !

 

संक्षेप में

खंड तीन : पॉकेट रेमिन्देर्स

 

1.      विश्वास के काबिल बनें ! असली टेस्ट यह नही है कि क्या सामने वाला इस पर विश्वास करेगा , बल्कि असली टेस्ट यह है कि क्या आपको इस पर विश्वास है ?

2.      अपने आपमें विश्वास जगाने के लिए और दूसरों का विश्वास हासिल करने के लिए यह एक अनिवार्य नियम है :

अपने बिजनेस का ज्ञान रखिये..... और अपने बिजनेस का ज्ञान बढ़ाते चले जाइये !

3.      दूसरों के विश्वास को जितने और बनाये रखने का एक तेज तरीका विश्व के महान कूटनितिज्ञ बेन्चामिन फ्रेंक्लिन के नियम का पालन करना है : “मै कभी किसी के बारे में बुरा नही बोलूगा – और मै हर आदमी के बारे में जितना भी अच्छा बोल सकता हु , अच्छा बोलूगा ! अपने प्रतिद्वंद्वियो की तारिफ करें !

4.      अतिश्योक्ति के बजाय अंडरस्टेटमेंट या न्यूनोक्ति की आदत डालें ! कार्ल काल्लिंग्स की फिलोसफी याद रखें : “हा, परन्तु मैं तो जानता हु ! “

5.      किसी का तेजी से विश्वास हासिल करने का अचूक तरीका है :

अपने गवाह पेश करो ! और वे उतने ही दूर होते  हैं जितना कि टेलीफोन!

 

6.      सर्वश्रेष्ठ दिखें ! “अपने आपको विशेषज्ञ के हवाले कर दें ! “

 

खण्ड चार

क्या करें जिससे लोग आपके साथ बिजनेस करना चाहें

लिंकन से सीखे एक विचार ने दोस्त बनाने मैं मेरी मदद की

पॉकेट रेमिनड्स

 

1.      “अगर आप किसी आदमी से अपनी बात मनवाना चाहते है ,तो पहले उसे विश्वास दिलाये कि आप उसके सच्चे मित्र है ....”- लिंकन !.

2.      युवकों को प्रोत्साहित करें ! यह देखने में उनकी मदद करें कि वे अपने जीवन में किस तरह सफल हो सकते है !

3.      यह कोशिश करें कि लोग आपको यह बात दें कि जीवन में उनकी सबसे बड़ी महत्व आकांशा क्या है ! उनकी मदद करें ताकि वे अपने लक्ष्यों को ऊँचा उठायें और उनकी दृष्टि व्यापक हो !

4.      अगर किसी ने आपको प्रेरित किया है या आपकी किसी तरह की मदद की है तो इसे गोपनीय न रखें! इसके बारे में उसे बता दें !

5.      सामने वाले से पूछें : “ आपने यह बिजनेस किस तरह शुरू किया ? “ इसके बाद अच्छे श्रोता बन जाएँ !

जब मैंने यह किया तोह मेरा हर जगह ज्यादा स्वागत हुआ

 

जब मैंने बेचना शुरू किया तो मुझे जल्दी ही पता चल गया कि चिंतित, बुरा सा मुह हमेशा ऐसे परिणाम देता है जो हमेशा एक से होते हैं- आपका कहीं स्वागत नही होता और आपको असफलता हाथ लगती है!

 

हालांकि मैं उस समय यह नही जानता था, परन्तु यह अनुभव हावर्ड के महान फिलोसफ़र और शिक्षक प्रोफेसर विलियम जेम्स के सिधांत को सही साबित करता है: हमें लगता है कि हमारे कार्य हमारी भावना का अनुसरण करते है, परन्तु वास्तव मै कार्य और भावना साथ-साथ की चलते है और कार्य पर नियंत्रण करने से हम अपनी भावना को नियंत्रण कर सकते है क्योंकि अपने कार्यो पर नियंत्रण करना ज्यादा आसान है, जबकि अपनी भावनाओ को नियंत्रण करना अपेक्षाकृत कठिन है !

 

क्या अपने कभी यह महसूस किया की सफलता के अवसर ज्यादातर उसी के पास होते है जिसकी मुस्कराहट सच्ची और उत्साही हो ; सफलता के अवसर उसके पास कम होते है जो असंतुष्ट, उदास और निराश दिखता है ?

  

नाम और चेहरे याद रखना मैंने कैसे सीखा

 

तब से मै उस विषय पर कई पुस्तके पढ़ चूका हूँ और कई लेक्चर सुन चूका हूँ ! बिज़नेस और सामाजिक संबंधो मैं मैंने इन सीखे हुए विचारों को अमल मैं लाने की कोशिश ही है ! मैंने पाया की जब मैं इन विशेषज्ञो  द्वारा सिखायी गयी तीन चीजों को याद रखता हूँ तो मेरे लिए नाम और चेहरे याद रखना ज्यादा मुस्किल नही होता :

 

1.      इम्प्रैशन

मुझे लगता है की मेरे साथ काफी हद तक यही समस्या थी ! मैं किसी आदमी के चेहरे को तो अच्छी तरह से देख लेता था, परन्तु आमतोर पर मैं उसके नाम को पूरी तरह से नहीं जान पाया  था ! या तो परिचय के वक्त मैं उसके नाम को सुनता ही नही था या फिर मैं उसके नाम को ठीक से नही सुन पता था ! अनुमान लगाइए की तब मैं क्या करता था ?

 

अगर अप किसी के नाम को फिर से बतायेगे ? “ फिर भी अगर आप पूरी तरह से आश्वस्त न हों, तो यह पूछना भी उचित होगा : “आई ऍम सॉरी , परन्तु क्या आप इसकी स्पेल्लिंग बतायेगे? “ क्या सामने वाले व्यक्ति को इस बात का बुरा लग सकता है की आप उसके नाम को सच्ची रूचि ले रहे है? मैंने तो ऐसा कभी नही सुना !

 

तो नाम और चेहरे याद रखने मै मुझे जिस पहली चीज ने मदद की वह यह थी कि मै आपको भूल जाता था और सामने वाले आदमी पर, उसके चेहरे पर और उसके नाम पर ध्यान केन्द्रित करता था ! इससे मुझे अजनबियों के साथ मिलने पर खुद के बारे मै ज़रूरत से अधिक सचेत होने की आदत से भी छुटकारा मिला !

 

मुझे आश्चर्य हुआ की जब मैंने किसी के चेहरे पर सचमुच ध्यान दिया और उसके नाम की स्पष्ट छवि अपने दिमाग मै बिठा ली तोह फिर मुझे उस नाम और चेहरे को याद रखने मै कितनी कम मुस्किल आई !

2.      रेपीटीशन

क्या आप किसी से परिचय होने के दस सेकंड के भीतर किसी अजनबी का नाम भूल जाता है? मै तो भूल जाता हूँ अगर मै इसे तत्काल कई बार उस समय न धोराए जब यह मेरे दिमाग मै ताजा हो !हम उसके नाम को तत्काल दोहरा सकते है : “आप कैसे हैं, मिस्टर मसगरेव् !”

 

“क्या मैं आपके नाम का सही उचारण कर रहा हूँ ? मैंने देखा है की लोग अपने नाम के सही उच्चारण मैं आपकी मदद करने के लिए ख़ुशी –ख़ुशी तैयार रहते है ! अगर दुसरे लोग वहां पर उपस्थित होते है तो वे भी खुश होते है ! इससे नाम को समझना और उसे याद रखना उनके लिए भी आसान हो जाता है !

 

पहली : ज्यादा तनाव मैं न रहें ! जो किसी के साथ भी हो सकती है और अक्सर होती भी है ! मैंने पाया है की सर्वश्रेष्ठ चीज इसे हसीं मैं उड़ा देना है यह स्वीकार कर लेना है की मैं इस समय नर्वस हूँ ! ग्रुशो माकर्स ने यह कहकर इसे हसी मैं उड़ा दिया था : “मैं कभी कोई चेहरा नही भूलता, परंतू  आपका प्रकरण एक अपवाद है !.”

 

दूसरा : जब भी आप किसी के पास से गुजरें आप उसे उसके नाम को पुकारें ! केवल “हेल्लो “ या “ आप कैसे है ?” कहने के बजाय यह कहें “मिस्टर फोल्लन्स्बी ! यह चार्ल्स !” फिर जब वह चला जाये तो उसके पुरे नाम को कई बार दोहरा लें : चार्ल्स एल.  फोल्लन्स्बी.... चार्ल्स एल. फोल्लन्स्बी !”

 

तीसरा : यदि सभवं हो तो किसी नाम से परिचित होने का पहले से समय निकाले !  शक्ति के विशेषग्य यही करते है ! लंच या डिन्नर पर बोलने से पहले वे उस संगठन की सदस्यता सूची हासिल करते है और नामों तथा बिज़नेस का अध्ययन करते है !

 

यहाँ पर यह बताया जा रहा है ! सालो पहले मैं बेन फ्रेंक्लिन क्लब और ओप्प्तिमिस्ट क्लब का नियमित सदस्य था और मुझे शर्म आती की कि मैं जिन लोगो को जानता था, उन क्लब के सदस्यों को मैं उनके नाम से नही बुला पाता था ! फिर मैंने मीटिंग मैं भाग लेने से पहले सदस्यता सूची का अवलोकन करने की आदत डाली !

3.      एसोसिएशन

अब जो आप याद रखना चाहते है उसे आप अपनी याददाशत मैं कैसे बनाये रख सकते है ? एसोसिएशन बिना किसी सदेंह के इकलोता सबसे महतवपूर्ण तत्व है !

 

हम अक्सर अपनी इस शमता पर आश्चर्यचकित हो जाते है कि हमें अपने बचपन की घटनाएँ याद रहती है, ऐसी चीजों जिनके बारे मैं हमने कभी विचार नही किया था और जिन्हें हम स्पष्ट रूप से भूल चुके थे ! उदाहरण के लिए न्यू जर्सी के ओसीन सिटी मैं एक बड़े सर्विस स्टेशन मैं पेट्रोल लेने गया ! स्टेशन के मालिक ने मुझे पहचान लिया हालाकि हमे मिले चालीस साल से अधिक हो चुके थे ! मैं शर्मिंदा था क्योंकि मुझे यह याद नही आ रहा था की मैं इस आदमी से पहले कभी मिला था !

 

दुसरे लोगों को अपना नाम याद रहने मैं मदद करना

क्या लोगों को आपका नाम याद रखने मैं मुस्किल आती है ? एक बार मैंने खुद से कहा : “देखो बेट्गर, आपका खुद का नाम अजीब था ! क्यों न इसे याद रखने में सामने वाले आदमी की मदद की जाये ? “ थोडा सोचने के बाद मेरे दिमाग मैं यह विचार आया : परिचय देते समय मैं खुद का नाम दोहराता था और फिर थोडा मुस्कराकर कहता था : इसका उच्चारण है “बेट-चर लाइफ ! ‘बेट्गर !” आम तोर पर सामने वाला भी यह सुनकर मुस्करता था फिर दोहराता था : “आप बेट-चर लाइफ ! “अगर यह बिज़नेस का परिचय होता था तो मैं कहता था: “बेट-चर लाइफ इन्सुरांस... बेट्गर ! “जब मैं अपना नाम फ़ोन पर बताता था जहाँ मैंने महीनों से बात नही की थे तो फोन ओपेरटर या सेक्टेरी अक्सर यह कहती थे :” अरे, हैं, मिस्टर बेट-चर लाइफ !

 

अगर किसी नाम को याद रखना बहुत ही कठिन हो तो मैं इसके इतिहास के बारे मैं पूछता हूँ ! कई विदेशी नामो के पीछे एक रोमांटिक इतिहास होता है ! कोई भी आदमी मौसम के बजाय अपने नाम के बारे मैं बात करना चाहेगा और यह हज़ार गुना आधिक रोचक होता है !

सेल्समेन के अपने काम मैं मैंने पाया था की क्लाइंट्स के नाम याद रखना ही महत्वपूर्ण नही है, बल्कि सेक्रेटरी, फ़ोन ऑपरेटर और अन्य सहयोगियों के नाम याद रखना भी महत्वपूर्ण है ! उनका नाम लेकर उनसे बात करने से उन्हें महत्व का अनुभव होता है ! और वे महत्वपूर्ण है ! दरअसल, उनके दोस्ताना सहयोग के महत्व को बड़ा-चढ़ाकर बताना मुस्किल है !

मैं उन बहुत से लोगो की बाते सुनकर आश्चर्यचकित होता हूँ जब वे बताते हैं की उन्हें नाम को याद नही रहते ! वे इस कारण बहुत परेशान रहते है, परन्तु उन्हें लगता है की वे इस बारे मैं कुछ नही कर सकते ! क्यों न इसकी एक छोटी सी गुप्त होबी विकसित की जाए ? बहुत ही कम समय मैं आपको यह पता चलेगा की आपको अपनी आशा से आधिक नाम और चहरे याद रहता है और आपको इसमें मजा भी आता है ! एक सप्ताह तक अपने साथ तीन बाई पांच के कार्ड रखे जिनमे यह तीन नियम लिखे हों ! सिर्फ एक सप्ताह तक इन नियमो का पालन करने का सकल्प करें :

1.      इम्प्रैशन : उसके नाम और चहरे की छवि को बिठा लें !

2.      रिपिटिशन : उसके नाम को कुछ समय बाद बार –बार दोराए !

3.      एसोसिएशन: एक्शन पिक्चर के साथ नाम को जोड़ लें ; यदि संभव हो तो उस व्यक्ति के बिज़नेस को भी इसमें शामिल कर लें !

 

वह सबसे बडा कारण जिसकी वजह से सेल्ल्स्मेन बिज़नेस गवाते है

पुँरानी बात है !जब मार्क्स ट्वेन मिसिसिपी मै नावो को पायलट क्र रहे थे , तब रोक आईलैंड रेलरोड ने यह फैसला किया की वह रोक आइलैंड, इलिनय और डेवनपोर्ट, आयोवा के बीच नदी पर एक पुल बनायेगी ! स्टीमबोट कम्पनी अपने बिज़नेस से बहुत पैसा कमा रही थी ! उनका व्यापर फल-फुल रहा था ! गहूं, क्योर्ड मिट और अन्य कई प्रोडक्ट्स जिनके उत्पादन मैं हमारे शुरूआती रहवासी समर्थ थे बैलगाड़ियों और ऊचें पहियों की वैगन मैं मिसिसिपी तक लाये जाते थे  और उन्हें जलमार्ग दवारा नदी के पार ले जाया जाता था ! स्टीमबोट के मालिक यह मानते थे कि नदी के पार सामना लाने-ले जाने का अधिकार उन्हें का है, जैसे उन्हें यह आधिकार ईश्वर ने ही दे रखा हो |

 

ज्यादा बोलना सभी सामाजिक दोषों मैं सबसे बुरे दोषों मै से एक है ! अगर आपमें यह दोष है तोह आपका सबसे अच्छा दोस्त आपको यह बात नही बताएगा, परन्तु वह आपसे बचता फिरेगा! मैं इस विषय पर इसलिए लिखे रहा हूँ क्युकि यह मेरी जिंदगी का भी एक दोष रहा है जिससे मुझे झुंझना पड़ा है ! ईश्वर जानता है कि अगर कोई आदमी बहुत ज्यादा बोलता था तो वह यही आदमी था जिसका नाम फ्रैंक बेटगर था !

 

मेरा एक अच्छा  दोस्त मुझे एक बार अलग ले गया और उसने कहा : “फ्रैंक , मैं तुमसे कोई आसा सवाल नही पूछ सकता जिसका जवाब तुम पंद्रह मिनट से कम समय मै दे सको, जबकि तुम्हे एक वाक्य मै उसका जवाब दे देना चाहिए था ! “परंतु जिस बात ने मुझे हिला दिया और जगा दिया वह एक वाकत एग्जीक्यूटिव के इंटरव्यू के दौरान हुई जब उसने कहा : “आप मुद्दे की बात पर आये ! इन सारे विवरणों की कोई जरुरत नही है ! “उसे आकड़ों में कोई खास दिलचस्पी नही थी ! वह जवाब चाहता था !

 

एक के मुकाबले तीन के महत्वपूर्ण अंतर से यह फैसला हुआ कि सेल्समैन बहुत ज्यादा बोलते हैं |

फिर मैं उससे बात करता हूँ और कहता हूँ : “मैं जनता हूँ कि आप व्यस्त हैं | मैं आपसे केवल चार चीजों के बारे में बात करना चाहता हूँ और वे इस प्रकार हैं.....एक ... दो ....तीन.... चार.....

 

जब मैं चौथे बिंदु पर आता हूँ तो वह जनता है कि चर्चा लगभग समाप्त हो चुकी है और उसके जवाब देने के बाद मैं फ़ोन रख दूंगा | और मैं उसके तत्काल बाद यह कहकर अपनी चर्चा ख़त्म कर देता हूँ : “अच्छा, धन्यवाद |” इसके बाद मैं फ़ोन रख देता हूँ |

मेरा यह मतलब नहीं है कि हमें रुखा होना चाहिए | हम तत्काल उस आदमी से चिढ़ जाते है जो रुखा हो ; परन्तु हम ऐसे आदमी का सम्मान करते है जो संक्षिप्त हो और मुद्दे की बात करे |

जैनेसिसके महान लेखक ने विश्व के निर्माण की कहानी को 442 शब्दों में बताया है जो इस अभ्यास में प्रयुक्त शब्दों से आधे से भी कम हैं | यह होता है संक्षिप्तता का मास्टरपीस !

 

इस इंटरव्यू ने मुझे सिखाया कि बड़े लोगों से मिलने जाने का अपना डर कैसे दूर करूँ

किसी ने मुझसे कुछ समय पहले पूछा था कि क्या मुझे कभी डर लगा हैं ? डर शब्द जरा कमजोर शब्द है | मैं तो आतंकित था | मै समझ गया कि अधिक सफल होने के लिए मुझे बड़े लोगो से मिलना पड़ेगा और बड़ी पालिसी बेचनी पड़ेगी | दूसरे शब्दों में मैं बुश लीग में खेल रहा था और अब मैं मेजर्स में अपनी किस्मत आजमाना चाहता था |

“जब आप डरे हुए हो ..........तो स्वीकार कर ले !”

1937 के वसंत में न्यूयॉक के एम्पायर थियेटर में मुझे मॅरिस इवांस (जिन्हें कई आलोचक विश्व के महानतम शेक्सपीरियन एक्टर मानते हैं ) की बातें सुनकर आश्चर्य हुस जब उन्होंने श्रोताओं के बड़े समूह के सामने यह स्वीकार किया कि वे नर्वस थे | श्रोता अमेरिकन अकैडमी ऑफ़ ‍‍‌‌‌‍डैमेटिक आर्ट के ग्रजुएटिंग स्टूडेंट्स और उनके अभिभावक थे | मैं वहाँ पर इसलिए मौजूद था क्युकि मेरा बेटा लायल उस क्लास में था |

 

श्रोताओ ने मॅरिस इवांस की इस स्वीकारोक्ति को पसंद किया | खुलकर यह स्वीकार करने से कि वे आतंकित थे, उन्होंने अपने बीच की दूरियों और तनाव को ख़तम कर दिया था | वे फिर से संतुलित हो गए और उन्होंने अपने दिल से बाते करते हुए अपनी बातो से युवा और वृद्ध सभी को रोमांचित कर दिया |

जब भी आप किसी दिक्कत में  हो और बुरी तरह डरे हुए हो, तो स्वीकार कर लें |

 

हाई स्कूल और कॉलेज में सार्वजानिक भाषण, नौकरी हासिल करने के पहले और बाद में नियोकताओ के साथ मीटिंग, किसी खास महिला के साथ पहली गंभीर चर्चा - इन सबसे मैं बुरी तरह हूँ और बहुत बुरी तरह डरा हूँ |

 

जब मैं पीछे पलटकर देखता हूँ तो मुझे यह अनुभव होता है कि मैं कितना बड़ा मुर्ख था, कितनी बार मैं अवसरों का लाभ उठाने में असफल रहा क्युकी मैं महत्वपूर्ण लोगों से बात करने में डरता था | आर्की ह्यूज से बात करना मेरे सेलिंग करियर में एक महत्वपूर्ण कदम था | उनसे मिलने जाने में मुझे डर लग रहा था और जब मैं अंडर घुसा तो मैं आतंकित था | अगर मैंने यह स्वीकार नहीं किया होता कि मैं डर रहा था तो मुझे वहाँ से धक्के मारकर निकल दिया जाता | इस एक अनुभव ने उच्च आय वाले समूह में पहुचने में मेरी मदद की हैं | इसने मुझे बताया कि यह आदमी बड़ा आदमी होने के बावजूद दरअसल एक सीधा और मिलनसार आदमी था | दरअसल यह भी एक कारण था कि वह इतना बड़ा आदमी था |

 

यह स्वीकार करने में कोई अपमान की बात नहीं है कि आप डरे हुए है, परन्तु यह स्वीकार न करने की कोशिश करने में अपमान का खतरा हैं | इसलिए चाहे आप एक आदमी से बात कर रहे हो या हजार लोगो से, अगर डर का राक्षस, अगर सार्वजानिक जीवन का शत्रु नंबर एक , अचानक आप पर हावी हो जाये और अगर आपको लगे कि डर के कारण आपकी बोलती बंद हो गयी है तो इस आसान नियम को याद रखे :

जब आप डरे हुए हो.............तो स्वीकार कर लें |

 

पॉकेट रेमिनड्स

1.      “अगर आप किसी आदमी से अपनी बात मनवाना चाहते है,” अब्राहिम लिकन ने कहा था, “ तो पहले उसे यह विश्वास दिलाये कि आप उसके सच्चे मित्र है |

2.      अगर आप चाहते है कि आपका हर जगह स्वागत हो तो आप हर मिलने वाले को एक मुस्कुराहट दे जो अच्छी हो, सच्ची हो और दिल से आ रही हो |

3.       आपको नाम और चेहरे याद रखने में कम मुश्किल आएगी अगर आप यह तीन बाते याद रखे

(i)                 इम्प्रेशन : उसके नाम और चेहरे की स्पष्ट छवि अंकित कर लें |

(ii)               रिपिटिशन : उसके नाम को समय समय पर दोहराते रहें |

(iii)             एसोसिएशन : उसके नाम को किसी एक्शन पिक्चर से जोड़ ले | यदि संभव हो तो उसके बिज़नेस को भी शामिल कर लें |

4.      संक्षिप्त रहें | सेल्समेन बहुत ज्यादा तो नहीं जान सकता, परन्तु वह बहुत जायदा बोल सकता है | जर्नल इलेक्ट्रिक के वाईस प्रेसिडेंट हैरी अर्लिकर ने कहा था : “ परचेजिंग एजेंट्स की हाल में हुई एक मीटिंग में हमने एक वोट करवाया ताकि हम यह पता लगा सके कि वह सबसे बड़ा कारण क्या है जिस वजह से सेल्समेन बिज़नेस गवातें हैं | एक के मुकाबले तीन के महत्वपूर्ण अंतर से यह फैसला हुआ कि सेल्समेन बहुत जायदा बोलते हैं |”

5.      अगर आपको बड़े लोगो से मिलने जाने में डर लगता है तो आप इस डर को अपने फायदे में बदल सकते है ! आप उस आदमी से मिलने जाये जिससे मिलने में आपको डर लगता है और उसके सामने स्वीकार कर ले कि आप डरे हुए हैं | जब आप किसी को यह बताते है कि आप उसकी उपस्थिति में डरते है तो आप उसकी बहुत बड़ी तारीफ कर रहे हैं | अगर आपके पास कोई विचार हैं जिसका वह उपयोग कर सकता है तो वह निश्चित रूप से सेल करने में आपकी मदद करेगा |

 

खण्ड पांच

सेल के कदम

सेल से पहले की सेल

मैंने अधिक अनुभवी और अधिक उम्र के सेल्समैनो से “एप्रोच” के बारे में पूछा | मुझे आश्चर्य हुआ जब उनमे से कई ने कहा :  “एप्रोच सेल में सबसे मुश्किल कदम है |”

 

यह रही वो दो बाते :

1.      वे उन सेल्समैनो को पसंद नहीं करते जो उन्हें इस बारे में सस्पेंस में रखते है कि वे कौन है, वे किस कम्पनी से आये है और वे क्या चाहते हैं | अगर कोई सेल्समेन झूठ बोलता है, चालाकी करता है या अपने बिज़नेस या अपनी कॉल के उद्देश्य को छुपाने की कोशिश करता है तो उन्हें बहुत चिढ़ होती हैं | वे उस सेल्समैन को पसंद करते है जिसकी एप्रोच सहज, संजीदा और ईमानदार हो और जो सीधे अपनी कॉल के उद्देश्य के बारे में मुद्दे की बात पर आ जाये |

2.      अगर सेल्समैन बिना अपोइंटमेंट लिए मिलने आया हो तो वे यह पसंद करते हैं कि वह सेल्समैन पूछे कि क्या इस समय बात करना सुविधाजनक होगा बजाय इसके कि वह तत्काल अपनी सेल्स टॉक शुरू कर दे |

 

अपनी पूरी कहानी सुनाने के लिए उतना समय ख़रीदे जिसकी आपको जरुरत है |

“अपने प्रोडक्ट को बेचने की कोशिश करने से पहले इंटरव्यू को सेल करें |” 

 

कई बार तो सफल एप्रोच में किसी तरह की “एप्रोच टॉक” की जरुरत ही नहीं होती |

 

मैंने पाया है कि मैं जो भी करता हूँ आम तौर उससे यह तय होता है कि मैं ग्राहक के दिमाग में कहाँ पर खड़ा हूँ : मैं “आर्डर देने वाला” हूँ या “सलाहकार” | अगर मेरी एप्रोच सही है तो जब मैं अपनी सेल्स प्रस्तुति देता हूँ तो इंटरव्यू मेरे हिसाब से चलता है| अगर मैं इस शैली में असफल होता हूँ तो इंटरव्यू ग्राहक के हिसाब से चलता है |

 

क्व्शचनेयर

 

यह कुछ अंतरंग प्रश्न हैं जिन्हें पूछने में मैं नहीं हिचकता :

§     अगर आपकी मृत्युं हो जाये तो आपकी पत्नी की कितनी न्यूनतम मासिक आमदनी की जरुरत होगी ?

§      पैसठ साल की उम्र में आपको कितनी न्यूनतम मासिक आमदनी की जरुरत होगी ?

§   आपकी जायदाद की वर्तमान कीमत कितनी होगी ?

    स्टॉक, बॉन्ड, दूसरी सिक्योरिटीज ?

           रियल एस्टेट ? (मोर्टगेज)

§       हाथ में कैश कितना है ?

    साल में कितनी कमाई होती है ?

§       आपका जीवन बीमा ?

§       हर साल आप बीमे पर कितना खर्च करते है ?

 

“ जब आप कुछ नहीं करते तो क्या करते हैं ?”

मैं नहीं मानता कि इस एप्रोच टॉक को रटा जाना चाहिए | परन्तु मुझे विश्वास है कि इस हर दिन कई बार लिखा और पढ़ा जाना चाहिए | तभी अचानक एक दिन आपको यह पूरी याद हो जाती है | अगर आप इसे इस तरह से सीखेंगे तो यह रटी हुई नहीं लगेगी | अपनी पत्नी को यह टॉक दें | उसके सामने इसकी बार बार रिहर्सल करें, जब तक कि आप इसे इतनी अच्छी तरह से न जान लें कि यह आपका हिस्सा बन जाये |

 

संक्षेप में

1.     “हॅासर” फेकने की कोशिश न करें – “हीविंग लाइन” फेकें |

2.     एप्रोच का एक ही लक्ष्य होना चाहिए : अपने प्रोडक्ट को नहीं, बल्कि अपने इंटरव्यू यानि सेल इंटरव्यू को सेल करना | यही सेल से पहले की सेल है |

 

अपाँइंटमेंट लेने का रहस्य

लोग अपाँइंटमेंट से काम करना ज्यादा पसंद करते हैं :

1.      इससे समय बचता है इससे समय की बहुत सी बर्बादी बचती है जिसे लेकर ज्यादातर सेल्समैन चिंतित रहते है| यही नहीं, इससे ग्राहक का समय भी बचता है |

2.      जब हम अपाँइंटमेंट के लिए पूछते हैं तो इससे हमारा ग्राहक समझ जाता है कि हम उसकी व्यस्तता जानते है | स्वाभाविक रूप से वह हमारे समय को भी मूल्यवान मानता है | जब मैं अपाँइंटमेंट लेकर जाता हूँ तो मुझे ज्यादा अच्छी तरह सुना जाता है और सामने वाला मेरी बातों का ज्यादा सम्मान करता है |

3.      इससे हर कॉल एक घटना बन जाती है | अपाँइंटमेंट से सेल्समैन का स्तर ऊँचा हो जाता है और वह हाँकर की श्रेणी से उपर उठ जाता है |

 

जब मैं किसी परिचित व्यक्ति को फ़ोन करता हूँ तो मैं सहजता से अपाँइंटमेंट मांगता हूँ और आम तौर पर मुझे यह बिना किसी सवाल के मिल जाता है | परन्तु अगर आप किसी अजनबी से अपाँइंटमेंट मांगते है तो वह हमेशा पूछता है : “आप मुझसे किस बारे में मिलना चाहते हैं ?”

 

यह एप्रोच का सबसे संवेदनशील क्षण हैं | अगर मैं यह बता देता हूँ कि मैं कुछ बेचने के लिए मिलना चाहता हूँ तो मैं अपने ही पैरो पर कुल्हाड़ी मार रहा हूँ और अपाँइंटमेंट मिलने के अवसर को मैं खुद ही नष्ट कर रहा हूँ | सच्चाई तो यह है कि मैं नहीं जनता कि जो मैं बेच रहा हूँ, क्या उसे सचमुच उस चीज़ की जरुरत है | इसलिए अपाँइंटमेंट का उद्देश्य सिर्फ चर्चा करना हैं | परन्तु आज तक मुझे हमेशा यह सावधानी रखनी होती है कि मैं फोन पर की सेल्स टॉक करने में न जुट जाऊँ | मैं एक ही बात पर ध्यान केन्द्रित करता हूँ और केवल एक ही बात पर : अपाँइंटमेंट बेचने पर |

 

 

        मिलने में कठिन लोग

ऐसे कुछ लोग हमेशा रहेंगे जिनसे मिलना कठिन हो | कुछ विचार जिन्होंने मेरी मदद की है :

1.      “आपसे मिलने का सबसे अच्छा समय क्या है – सुबह जल्दी या शाम को ?”

2.      “आप किस समय लंच करने जाते है ? इस सप्ताह एक दिन हम इकट्ठे लंच लेते हैं | क्या आप कल मेरे साथ यूनियन लीग में लंच करेंगे , बारह बजे या साढ़े बारह बजे ?

3.      अगर उसके पास समय बहुत ही कम है परन्तु वह सचमुच मुझसे मिलने का इच्छुक है तो मैं उससे कई बार पूछता हूँ : “क्या आज आपकी कार शहर में है ?” अगर वह कहता है “नहीं,” तो मै उसे अपनी कार में घर छोड़ने का प्रस्ताव दे देता हूँ | मै कहता हूँ: “इससे हमें कुछ समय इकट्ठे मिल जायेगा |”

 

हरसंभव प्रयास करने का बाद अगर मुझे लगता है कि प्रोस्पेक्ट सहयोग करने का कतई इच्छुक नहीं है, तो मै उसे भूल जाता हूँ |

 

मेरे सबसे अच्छे कांटैक्ट वाही लोग साबित हुए है जिनसे मिलना बहुत कठिन था |

 

टेलीफ़ोन के प्रयोग के बारे में वे महत्वपूर्ण बाते जो मैंने सीखी

मुझे यह सीखने में बहुत लम्बा समय लगा कि ग्राहक या संभावित ग्राहक के लिए सन्देश छोड़ने में डरना नहीं चाहिए |

जब मैं उससे बात करने के कई प्रयास कर चुका होता हूँ और अपने प्रयासों में असफल होता हूँ तो उसे यह लगता है कि मैं किसी ऐसी चीज़ के लिए उसका पीछा कर रहा हूँ जो मैं चाहता हूँ | मैंने पाया कि यदि मैं उसके पास मुझे फोन करने का सन्देश छोड़ता था तो उसे यह एहसास होता था कि मेरे पास ऐसा कुछ होगा जो उसे चाहिए या जो उसके लिए महत्वपूर्ण होगा |

 

पहले, अपने अपोइंटमेंट को बेचो

फिर,  अपने प्रोडक्ट को बेचो

 

 

मैंने किस तरह सेक्रेटरी और स्विचबोर्ड ऑपरेटर्स से ज्यादा स्मार्ट बनना सीखा

 

वयस्त ग्राहकों से मिलने की कोशिश करने के मेरे अनुभव ने मुझे सिखाया है कि  चतुर चालो के बजाय कॉमनसेंस हमेशा अधिक काम आता है | कई सेल्समैन यह कभी नहीं समझते कि किसी आदमी की सेक्रेटरी उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकती है | कई मामलो में तो वह सिंहासन के पीछे की शक्ति होती है | मैने सीखा की अगर मैं बड़े आदमी से मिलना चाहता हूँ तो मेरी सर्वश्रेठ नीति यह होती है की मैं अपने आप को उस सेक्रेटरी के हाथो में रख देता हूँ और आम तौर पर वह मुझे अंदर पहुचने का रास्ता बताती है | और एसा हो भी क्यों न, जहा तक अपोइंटमेंट का सवाल होता है, अक्सर वह अपने बॉस के समय की बॉस होती है | जब हम किसी आदमी की सेक्रेटरी के साथ  करते है तो हमें यह नहीं भूलना चाहिए के हम उस आदमी के “दाये हाथ” के साथ काम कर रहे हैं | मैंने पाया है कि मेरा प्रदर्शन और प्रभाव तब बेहद होते है जब मैं सेक्रेटरी को अपने विश्वास में लेता हूँ, उससे इमानदारी और गंभीरता का बर्ताव करता हूँ और उसके पद के प्रति सम्मान दिखाता हूँ |

 

मैंने अनुभव किया है कि कई सेक्रेटरीज़ और रिसेपशनिसट्स को लगता है जैसे सेल्समैनो से पीछा छुड़ाना उनका कर्तब्य हो | परन्तु मैं उनके साथ व्यवहार करने में धोखेबाजी और चालाकी में विश्वास नहीं करता | कोई भी चतुर आदमी, जिसकी पर्सनैलिटी में दम हो, बिना अपने मिलने का उद्देश्य बताये सेक्रेटरी के पार जा सकता है | हिम्मत वाला और अच्छा बोलने वाला सेल्समैन भी कभी-कभार सेक्रेटरी को चकमा दे सकता है, परन्तु मेरा मानना है कि सेक्रेटरी और स्विचबोर्ड ऑपरेटर्स से ज्यादा स्मार्ट बनने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि ऐसी कोशिश ही न की जाये |

 

एक विचार जिसने मुझे “मेजर लीग” में पहुचने में मदद की

 

एक विचार कि अपने काम का अध्ययन करे, उसे बार बार पढ़े और उसका बोल बोल कर अभ्यास करे |

इस विचार के बाद मैंने अपने मेनेजर से कहा कि वह मुझे हमारी एजेंसी के सामने एक सेल्स demonstration देने का अवसर दे | जिस तरह से उसने मेरी तरफ देखा उससे यह साफ़ जाहिर था कि उससे आज से पहले ऐसा अनुरोध किसी और ने नहीं किया था | इससे मैं बुरी तरह फंस गया था इसलिए मैंने इसकी रिहर्सल की, बार बार रिहर्सल की और मैं रिहर्सल करता चला गया | जब मेरी चर्चा में सुधार हुआ तो मैंने उसमे थोड़ी ज्यादा जान डालने की कोशिश की | मैं इसको लेकर बहुत अधिक रोमांचित हो गया | जब मैं इसे परफेक्ट करने की कोशिश कर रहा था, तो मेरे दिमाग में एक नया विचार आया कि क्लोज कैसे की जा सकती है | demonstration देने के कुछ ही समय बाद मैंने एक बड़ी सेल को सफलतापूर्वक क्लोज किया | मैं जनता हूँ कि अगर मैंने वे सारी रिहर्सले नहीं की होती तो मैं उस सेल को सफलतापूर्वक क्लोज नहीं कर सकता था | हर बार जब मुझसे किसी समूह के सामने सेल्स इंटरव्यू को नाटकीयता के साथ प्रस्तुत करने को कहा जाता है तो मुझे उससे श्रोताओ की तुलना में अधिक लाभ होता है, शायद बहुत ही ज्यादा | मुझे लगता है कि अपने गर्व की वजह से मैं इतनी तैयारी और रिहर्सल करता हूँ जब तक कि मुझे यह विश्वास नहीं हो जाता कि मैं पूरी तरह से तैयार हूँ |

 

अगर आप सेलिंग के खेल में स्टार बनाना चाहते है तो आपको अपनी मूलभूत चीज़े ठीक से याद होनी चाहिए – आपके काम के ए बी सी आपके दिमाग में पूरी तरह से बैठ जाना चाहिए ताकि वे आपका हिस्सा बन जाये |

 

संक्षेप में

1.      भाषण तैयार करने का सबसे अच वक़्त भाषण देने क बाद है | आपने जो कुछ कहा है और जो कुछ आपको कहना चाहिए था, वह सब आपके दिमाग में एकदम ताजा होता है | उसे तत्काल लिख लें |

2.      अपनी पूरी टॉक को शब्दशः लिख लें | इसे सुधारते रहें | इसे पढ़े और बार बार पढ़े जब तक कि यह आपको याद न हो जाये | परन्तु इसे रटने का प्रयास न करें | अपनी पत्नी के सामने यह टॉक दे | अगर आपकी सेल्स टॉक में कोई कमी है तो वह आपको बता देगी | इसे अपने मैनेजर के सामने दें | इसे दूसरे सेल्समैन के सामने

दें | इसे तब तक देते रहें, जब तक कि आपको यह टॉक देने में आनंद न आने लगे |

 

सेल में किस तरह ग्राहक को अपनी मदद करने दें

“ एक demonstration एक हजार शब्दों से भी अधिक मूल्यवान है |” एक अच्छा नियम यह है कि कभी कोई भी चीज़ न कही जाये जिसे आप नाटकीय ढंग से प्रस्तुत कर सकते हों | इससे भी बेहतर है : किसी ऐसी चीज़ को आप खुद   नाटकीय ढंग से प्रस्तुत न करे जो आप अपने संभावित ग्राहक से करवा सकते हों | ग्राहक को प्रदर्शन करने दें | उसे एक्शन में लाएँ | दूसरे शब्दों में, आप सेल में ग्राहक को अपनी मदद करने दें |

 

अपने बिज़नेस में मैं इस demonstration का प्रयोग करता हूँ जिससे लोग एक्शन में आ जाते हैं | मैं इसका प्रयोग आँकड़ों को नाटकीय रूप से प्रस्तुत करने में करता हूँ और मैंने पाया है कि अमीर लोगो पर इसका बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है |

पिछले कुछ सालों में नाटकीय की कला में बहुत तेज प्रगति हुई है | आपके विचारो को बेचने का यह अचूक तरीका है | क्या आप इसका अधिकतम लाभ ले रहे है ?

 

संक्षेप में

“एक demonstration एक हजार शब्दों से भी अधिक मूल्यवान है |” यदि संभव हो तो ग्राहक को ही demonstration करने दें | सेल करने में ग्राहक को अपनी मदद करने दें |

 

किस तरह मैं नए ग्राहक खोजता हूँ और पुराने ग्राहकों को उत्साहित करता हूँ

कभी भी ग्राहक को मत भूलो; न ही ऐसा होने दो कि ग्राहक आपको भूल जाये |

 

उसकी प्रॉपर्टी से प्रेम करो

मुझे लगता है कि यह कहना सुरक्षित है कि जब कोई आदमी कुछ भी चीज़ खरीदता है तो वह शिष्टाचार, ध्यान और सेवा को पसंद करता है | इसलिए हम इन चीजों पर विचार करने में समय नहीं गवाएंगे | हम खुलकर बात करेंगे और पूरी तरह स्वार्थपूर्ण नजरिये से इसे देखेंगे |

 

नए ग्राहक नए बिज़नेस के सबसे अच्छे स्रोत होते है | नए ग्राहक!

 

नए ग्राहक अपनी नयी खरीदारी को लेकर उत्साहित और खुश होते है, खासकर तब जब वे उस सामान का इस्तेमाल पहली बार कर रहे हो | वे अपने दोस्तों और पड़ोसियों को इसके बारे में बताने के लिए व्याकुल रहते है |

“अनुभव ने हमें यह सिखाया है: जब भी किसी सामान को बेचो तो उसे मत भूलो!”

“हमारे आधे से ज्यादा ग्राहक हमें बताते है कि किसी दोस्त या रिश्तेदार के कहने पर उन्होंने उस सामान को खरीदने में रूचि ली |”

“अगर आप अपने ग्राहकों का ध्यान रखेंगे, तो आपके ग्राहक आपका ध्यान रखेंगे |”

मैंने हार्टफोर्ड, कनेक्टिक की एटना लाइफ इंशोरेंस कम्पनी के वाइस प्रेसिडेंट रोबर्ट बी. कूलिज को इसी बात को इस तरह से कहते सुना : “प्रोस्पेक्टिंग शेविग की तरह है....अगर आप इसके बारे में हर दिन कुछ नहीं करते, तो कुछ समय बाद आपका भट्टा बैठ जायेगा |”

 

संक्षेप में

1.      “कभी भी किसी ग्राहक को मत भूलो; न ही एसा होने दो कि ग्राहक आपको भूल जाये |”

2.      “अगर आप अपने ग्राहकों का ध्यान रखते है तो वे आपका ध्यान रखेंगे |”

3.      उसकी प्रॉपर्टी से प्रेम करो |.

4.      नए ग्राहक नए बिज़नेस के सबसे अच्छे स्रोत होते है |

5.      किसी दी हुई लीड से मिलने का सबसे अच्छा समय कौन सा है ? छह दिन मे.... या छह हफ़तों मे ? .... मैने पाया है कि छह मिनट सबसे अच्छा समय होता है |

6.      किसी लीड के लिये सराहना का प्रदर्शन करना कभी भी ना भूले | परिणामो की रिपोर्ट दें, चाहे परिणाम अच्छे हो या बुरे |

7.      अगले शॉट की सही पोजीशन में आने के लिए खेले |

 

सेल क्लोज करने के 7 नियम जिनका मैं प्रयोग करता हूँ

 

1.      क्लोज के लिए क्लोजिंग पॉइंट बचाकर रखें | औसत सेल के चार कदम है : (1) ध्यान (2) रूचि (3) इच्छा

(4) क्लोज | 

2.      संक्षेपिका | जब संभव हो, तो प्रोस्पेक्ट को ही संक्षेपिका प्रस्तुत करने दें | उसे एक्शन में लाये |

3.      “ आपको यह कैसा लगा ?” प्रस्तुति को पूरा करने के बाद यह सवाल पूछे | इसमें जादू है |

4.      आपत्तियों का स्वागत करें | याद रखे – आपत्ति करने वाले ग्राहक ही सर्वश्रष्ठ ग्राहक होते है |

5.      “क्यों ? ....इसके अलावा ? ... क्यों से ग्राहक बोलने लगता है और उसकी आपत्तियां सामने आती है | इसके अलावा ? से असली कारण या मुददा सामने आता है |

6.      प्रोस्पेक्ट से यह पर अपना नाम लिखने को कहें |

X ........................................................

एप्लीकेशन या आर्डर को थोडा बहुत पहले से ही भर लें | कम से कम उपर उसका नाम तो लिख ही लें | जब तक आप आर्डर साइन करवाने की सच्ची कोशिश नहीं करते तब तक आपको यह कैसे पता चल सकता है कि आप सफलतापूर्वक क्लोज कर सकते है या नहीं |

7.      आर्डर के साथ चेक हासिल करने की कोशिश करें | पैसे मांगने से न डरे | सफल सेल्समैनो का कहना है कि पैसे मांगना सेल को क्लोज करने के सबसे सशक्त तत्वों में से एक है |

 हर दिन क्लोजिंग के इन नियमो पर खुद का टेस्ट लें | उन्हें तब तक लागू करे जब तक कि उन पर चलना आपकी आदत न बन जाये |

 

अद्भुत क्लोजिंग तकनीक जो मैंने एक मास्टर सेल्समैन से सीखी

“पॉकेट रिमाइंडर”

1.      खाली आर्डर, एप्लीकेशन या कॉन्ट्रैक्ट को पहले से ही लिख लें चाहे आप केवल ग्राहक का नाम और पता ही लिखें |

2.      अगर उसके हस्ताक्षर जरुरी हो तो हर उस जगह पर जहाँ उसे साइन करना हो एक बड़ा X का निशान बना दें |

3.      आपके पहले शब्द : “क्या यह ठीक है, मिस्टर ब्लेंक ?” उसकी मेज पर कागज़ को ठीक उसके सामने रखते हुए | अगर यह इंटरव्यू खड़े- खड़े हो रहा हो तो खुले कागज़ को उसके हाथ में दे दें |

4.      अब गेंद उसकी एक गज की लाइन पर है | अब आपको फुर्ती दिखानी है ! एक आदमी दूसरे की जो सबसे महान सेवा कर सकता है उनमे से एक यह है कि वह उसे बुद्धिमतापूर्ण निर्णय पर पहुचने में सहायता करे |

 

खंड पांच

“पॉकेट रिमाइंडर”

1.      हॉसर फेकने की कोशिश न करें – हीविंग लाइन फेकें | एप्रोच का केवल एक लक्ष्य होना चाहिए – सेल्स इंटरव्यू बेचना | आपका प्रोडक्ट नहीं, बल्कि आपका इंटरव्यू | यह सेल की पहले की सेल हैं |

2.      सेल्स का आधार है इंटरव्यू हासिल करना | और अच्छे, शिष्ट और ध्यान वाले इंटरव्यू हासिल करने का रहस्य

है अपॉइंटमेंट सेल करना | अपॉइंटमेंट लेने का रहस्य है होम रन के लिए बल्ला घुमाना बंद करना और फर्स्ट बेस तक अफुचने की कोशिश करना | पहले अपॉइंटमेंट बेचे | फिर, अपना प्रोडक्ट बेचें |

3.      सेक्रेटरीज और स्विचबोर्ड ऑपरेटर्स से अधिक स्मार्ट बनने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि इसकी कभी कोशिश न की जाये | उनके साथ ईमानदार रहे और गंभीर रहें | उन्हें अपने विश्वास में लें | कभी भी चालाकी या छल-कपट का प्रयोग न करें |

4.      “अगर आप सेलिंग के खेल में स्टार बनाना चाहते है तो आपको अपनी मूलभूत चीज़े ठीक से याद होनी  चाहिए – आपके काम के ए बी सी आपके दिमाग में पूरी तरह से बैठ जाना चाहिए ताकि वे आपका हिस्सा बन जाये |

5.      नाटकीयता का अधिक से अधिक लाभ उठाये | “एक demonstration एक हजार शब्दों से भी अधिक मूल्यवान है|”

6.      कभी भी ग्राहक को मत भूलो, न ही ऐसा होंने दो के ग्राहक आपको भूल जाये | “नए ग्राहक नए बिज़नेस के सबसे अच्छे स्रोत होते हैं |

7.      हर दिन सेल को क्लोज करने के नियमो की खुद जाचं करे जब तक की वे उतने ही सहज न हो जाये जितना कि साँस लेना |

8.      असफल इंटरव्यू के बाद पता लगये कि आपसे क्या गलती हुई है या आप इसे किसी और तरीके से बेहतर कर सकते थे | यही एसिड टेस्ट है |

 

   खंड छह

हारने से न डरें

“जब भी सेल्समैन पर्याप्त ग्राहकों से मिलने की आदत छोड़ देता है तो वह निर्विकार नहीं रह सकता |”

आगे बढ़े चलिए | हर सप्ताह, हर महीने, आप सुधार कर रहे है | जल्दी ही एक दिन आपको वह काम करने का तरीका मिल जायेगा जो आज आपको असम्भव दिख रहा हैं |

 

साहस का अर्थ डर का अभाव नहीं, बल्कि डर पर विजय हैं |

 

बेंजामिन फ्रैंकलीन  का सफलता का रहस्य और इसने मेरे लिए क्या किया

फ्रैंकलीन के जीवन से मुझे उस लैंप जलाने वाले की याद आ गयी, वे भी अपने पीछे रोशनियों की एक कतार छोड़ गए है, ताकि दूसरे लोग अपना रास्ता देख सकें |

 

यह मेरी सूचि है और उसी क्रम में है जिसमे मैंने उनका प्रयोग किया :

1.      उत्साह

2.      खुद को व्यवस्थित रखना: सेल्फ-आर्गेनाईजेशन

3.      दूसरे की रुचियों के विषय में सोचें |

4.      सवाल |

5.      मुख्य मुददा |

6.      मौन : सुनें |

7.      गंभीरता : विश्वास जगाएं |

8.      अपने विषय का ज्ञान |

9.      सराहना और तारीफ़ |

10.  मुस्कुराना : ख़ुशी |

11.  नाम और चेहरे याद रखना |

12.  सेवा और प्रोस्पेक्टिंग |

13.  सेल क्लोज करना : एक्शन |

 

फ्रैंकलीन के तेरह विषय

1.      संयम – इतना मत खाओ कि सुस्ती आ जाये, इतना मत पियो कि होश न रहे |

2.      चुप्पी – ऐसी कोई चीज़ न बोले जिससे दूसरो को या आपको लाभ न हो रहा हो, फालतू की चर्चा से बचे |

3.      व्यवस्था – आपकी सभी चीज़े सही जगह पर रहें, आपके बिज़नेस के हर हिस्से का अपना समय तय हो |

4.      संकल्प – वह करने का संकल्प करे जो आपको करना चाहिए, हर वह काम कर दें, जिसका अपने संकल्प किया है |

5.      मितव्यता – दूसरे की या अपनी भलाई के अतिरिक्त किसी चीज़ पर पैसे खर्च न करे, कुछ भी बर्बाद न करे |

6.      मेहनत – समय न गवाएं | हमेशा किसी उपयोगी काम में लगे रहे, सभी अनावश्यक गतिविधियों को बंद कर दें |

7.      निष्कपटता – नुकसान पहुचने वाले धोखे का प्रयोग न करे, निष्कपटता से और इमानदारी से सोचे, और अगर आप बोले तो इसी तरह बोले |

8.      न्याय – किसी को चोट न पहुचाये या ऐसे लाभ देना न छोड़े जिन्हें देना आपका कर्तव्य है |

9.      मध्यमार्ग – अति करने से परहेज करे, उन बुराइयों पर गुस्सा करना बंद कर दें जितना आप करते हैं |

10.  स्वच्छता – शरीर, कपडे या रहन-सहन में गंदगी बर्दाश्त न करें |

11.  शांति – छोटी-मोटी बातों या सामान्य  दुर्घटनाओं या अवश्यम्भावी घटनाओ से विचलित न हों |

12.  पवित्रता – यौन स्वेच्छाचार से बचें और स्वास्थ्य या संतानोत्पत्ति के अलावा इसका प्रयोग न करें | कभी भी इसकी वजह से आपमें शिथिलता, कमजोरी उत्पन्न न हो, न ही आपकी या किसी और की शांति या प्रतिष्ठा पर आंच आये |

13.  विनम्रता – जीजस और सुकरात से सीखे |

 

 

आईये मैं और आप दिल खोलकर चर्चा करें

अगर मैं आपका अपना भाई होता तो भी मैं आपसे वही कहता जो मैं आपसे अभी कहने जा रहा हूँ ......आपके पास ज्यादा समय नही है |

इस पुस्तक को पढ़ने  के बाद आप इन तीन चीजों में से एक कर सकते है –

पहली : कुछ नहीं | अगर आप इसके बारे में कुछ भी नही करते है, तो इस पुस्तक को पढ़ने में शायद अपने अपना समय बर्बाद किया है |

दूसरी : आप कह सकते है : “इसमें बहुत से अच्छे विचार है | मैं पूरी शक्ति से इनका पालन करूगां | मैं इनके बारे में सर्वश्रेष्ठ कर्म करुगा |”

अगर आप ऐसा करते है – तो मैं परिणाम की भविष्यवाणी कर दूँ – असफलता |

तीसरी : आप इस महाद्वीप के सबसे महान मस्तिष्को में से एक बेंजामिन फ्रैंकलीन की सलाह ले सकते है कि एक बार में एक ही चीज़ करें और उस एक चीज़ पर एक सप्ताह तक पूरा ध्यान दे, बाकि सभी को उनके स्वाभाविक क्रम में होने दें |

 

  

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